पतझड़ में भी तू छाया घनी देना,
बदल जाये मौसम अगर
या आ जाये आंधी कभी तो
झुका के बोझ कुछ अपना
एक डाली थमा देना।
तेरे ही इश्क़ के साए में तो
प्रेम पनपा है मेरा
इस प्यार की ब्य़ार से
तन मन को महका देना,
ऐ मुस्कुराते चेहरे इस मादक मुस्कान से
कौतूहल का उफ़ान ला देना।
हँसी की ये हवा, बहती रहे सदा
इस हुस्न की बारिश से
प्यार की कोंपल उगा देना,
उन लहलहाती अंकुरित कलियों को
सींचेंगे हम तुम दोनों,
ऐ खुदा कोयल को भी
तराने गुनगुनाने का मौका नया देना।
है गुज़ारिश तुझसे, ऐ मुस्कुराते चेहरे
पतझड़ में भी तू छाया घनी देना,
और रोक ना पाए कोई जिसे
ऐसी उम्दा मुस्कान का तूफ़ान ला देना।
ReplyDeleteकोमल भावों का सुन्दर प्रस्तुति
LATEST POSTसपना और तुम
मुस्कान ही कुछ ऐसी है कि मन उर्जान्वित हो जाता है एक झलक देख कर। टिप्पणी करने के लिए शुक्रिया। आभार।
ReplyDeleteI love you
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